दोस्तों जब से केंद्र सरकार के द्वारा सैन्य भर्ती योजना अग्निपथ के नाम का ऐलान किया गया है तब से ही पूरे देश में लगातार बवाल मचा हुआ है। कई असामाजिक तत्व अग्नि पथ योजना को लेकर समाज में युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं और हिंसा करने के लिए उकसा रहे हैं। इसका जीता जागता प्रमाण हाल ही में हमें उत्तर प्रदेश और पटना बिहार जैसे राज्यों में देखने को मिला। कहीं पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ तो कहीं पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन भी हुआ। हिंसक प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस के द्वारा दी कड़ी कार्रवाई की गई। इसी बीच भारत के कुछ उद्योगपति अब अग्नीपथ योजना का समर्थन करने के लिए खुलकर सामने आए हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अग्नीपथ योजना का समर्थन करने के लिए सबसे पहले टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के द्वारा पहल की गई। इसके बाद महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका, बायोकॉन लिमिटेड की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ और अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर संगीता रेड्डी ने भी केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना का खुलकर समर्थन किया है। इतना ही नहीं बल्कि इन्होंने अपनी कंपनी में प्राथमिक तौर पर रिटायर हुए अग्निवीरों को ही जगह देने का ऐलान कर दिया है।
अग्नीपथ योजना को लेकर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बयान सार्वजनिक करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई यह अग्निपथ योजना बहुत सराहनीय है। इस योजना के माध्यम से ना सिर्फ देश को नव जवान और जोशीले सैनिक मिलेंगे बल्कि उनकी कंपनी को भी अग्नि वीरों के रूप में अनुशासित और प्रशिक्षित कर्मचारी मिलेंगे। एन चंद्रशेखर ने इस बात का भी ऐलान किया कि जो अग्निवीर सेना से 4 साल बाद रिटायर होंगे वे अग्निवीर टाटा संस में प्राथमिक तौर पर शामिल किए जाएंगे।
अग्निपथ योजना को लेकर महेंद्र ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी बड़ा बयान जारी किया था। आनंद महिंद्रा ने देश में अग्नीपथ योजना को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन पर दुख जाहिर किया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई है योजना युवाओं के भविष्य को उचित दिशा में ले कर जाएगी। आनंद महिंद्रा ने कहा कि अग्नि वीरों के रूप में उनकी कंपनी को भी अनुशासित युवा मिलेंगे। ऐसे में वे अपनी कंपनी के लिए प्राथमिकता अग्नि वीरों को ही देंगे। उद्योगपतियों के द्वारा खुले तौर पर अग्नीपथ योजना के समर्थन में आने के बाद कई सारे युवाओं का गुस्सा शांत हुआ क्योंकि उन्हें अपने भविष्य की चिंता नहीं रही।